२६ सितम्बर, २०१८
अगर कोई मुझसे पूछे कि हमारे लिए ज़िंदगी में सबसे ज़रूरी क्या चीज होती हैं तो मैं कहूंगी कि ‘हमारा खुश रहना।
क्योंकि अगर हम मन से खुश होंगे तभी हम अपने आस-पास के लोगों को खुश रख पाएंगे और अगर हमारे आस-पास सभी खुशहाल रहेंगे तो हमारे मन मे कभी भी किसी चीज को लेकर हीन भावना नहीं आएगी।
और कहते हैं वो लोग हमेशा भगवान के सबसे करीब रहते हैं जो हमेशा खुश और सकारात्मक रहते हैं।
क्योंकि अगर हम मन से खुश होंगे तभी हम अपने आस-पास के लोगों को खुश रख पाएंगे और अगर हमारे आस-पास सभी खुशहाल रहेंगे तो हमारे मन मे कभी भी किसी चीज को लेकर हीन भावना नहीं आएगी।
और कहते हैं वो लोग हमेशा भगवान के सबसे करीब रहते हैं जो हमेशा खुश और सकारात्मक रहते हैं।
जीवन के प्रति सकारात्मक नज़रिया आपको हमेशा खुश और ऊर्जा से भरा हुआ रखेगा और जब आप मन से खुश होंगे, दिल में किसी चीज का बोझ नहीं होगा तो ऐसे में आपके दिमाग में एक से बढ़कर एक रचनात्मक आइडियाज आते रहेंगे, नई चीजें सीखने की उमंग बढ़ेगी और आप हर तरह से खुद को खुशहाल महसूस करेंगे। वो आपकी अपनी ही एक अलग दुनिया होगी।
एक निराश इंसान अपने मन मे कई तरह के बोझ लिए रहता है जो उसके सुखद जीवन को धीरे-धीरे समाप्त करने लगता हैं।
ऐसे लोग अपने ही द्वारा बनाई गई दुखों की दुनिया में हीे फंसे रहते है, वो इन सबसे बाहर ही नहीं निकल पाते और इसी वजह से वो उन सारे अवसर को देख ही नहीं पाते जो उन्हें मिले थे या फिर मिल रहे है।
ऐसे लोग हमेशा अपने मन को कई तरह के अनचाहे बोझ और घृणा से भर देते हैं और हमेशा खुद की तुलना औरों से करते रहते हैं। लोगों से जलन की भावना रखते हैं लेकिन कभी खुद को बेहतर बनाने का प्रयास नहीं करते।”यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो” – स्वामी विवेकानंद
ऐसे लोग अपने ही द्वारा बनाई गई दुखों की दुनिया में हीे फंसे रहते है, वो इन सबसे बाहर ही नहीं निकल पाते और इसी वजह से वो उन सारे अवसर को देख ही नहीं पाते जो उन्हें मिले थे या फिर मिल रहे है।
ऐसे लोग हमेशा अपने मन को कई तरह के अनचाहे बोझ और घृणा से भर देते हैं और हमेशा खुद की तुलना औरों से करते रहते हैं। लोगों से जलन की भावना रखते हैं लेकिन कभी खुद को बेहतर बनाने का प्रयास नहीं करते।”यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो” – स्वामी विवेकानंद
एक तंदुरुस्त दिमाग हर समय खुद को ताज़गी और ऊर्जा से भर पाता हैं। एक व्यस्त दिमाग स्वस्थ रहने के लिए हर ज़रूरी प्रयास करेगा। वो किसी एक समस्या पर रुके रहने की बजाय निरंतर चलता रहेगा। यहीं तो जीवन का चक्र हैं – चलते रहो।एक रचनात्मक प्रक्रिया में जो शेयर करने की भावना होती हैं, मैं चाहती हूँ कि वो अनुभव और अवसर हर इंसान को बराबर रूप से मिले।
एक खुश व्यक्ति हमेशा दूसरों से प्रेरित होता रहता है। उस समय भी और उनसे भी जो उसी के समान रचनात्मक यात्राओं पर हैं और अपने आस-पास के लोगो को प्रेरित करता है।ज़िन्दगी में किसी से भी बिना किसी अपेक्षा के बस अपने काम को बेहतर तरीके से करते रहना…
यही सच्ची खुशी का सार हैं।
एक खुश व्यक्ति हमेशा दूसरों से प्रेरित होता रहता है। उस समय भी और उनसे भी जो उसी के समान रचनात्मक यात्राओं पर हैं और अपने आस-पास के लोगो को प्रेरित करता है।ज़िन्दगी में किसी से भी बिना किसी अपेक्षा के बस अपने काम को बेहतर तरीके से करते रहना…
यही सच्ची खुशी का सार हैं।