१६ बसंत

२६ मई, २०१८

मेरी एक करीबी दोस्त, जो कि एक सफल व्यवसाहिक महिला भी हैं, ने मुझसे एक बार कुछ ऐसा कहा था जिसके बारे में मैंने कभी पहले सोचा तक नहीं था, ना ही कभी उस नज़रिये से जानने की कोशिश भी की थी। मेरे हिसाब से इस ब्लॉग को पढ़ने वाली हर महिला को उसके इस नज़रिये को जानना चाहिए। उनकी कही बात मैं आपसे शेयर करती हूँ।

वो कहती हैं –

‘ आपके बच्चों के साथ आपका समय लगभग 16 बसंत तक हैं, ( फिर वो अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जीने लग जातें हैं और फिर वो आपके दोस्त बन जातें हैं )। जबकि आपके ‘ कैरियर की अवधि ‘ उस समय से शुरू है जबसे आपने अपनी पढ़ाई पूरी करी हैं और तब तक रहेगी जब तक कि आप खुद से निवृत्त होने का फैसला ना ले। ‘

 तो उस दौरान अपने बच्चों के साथ जीवन के हर पल को खुशी से मनाइए। फिर चाहे आपको अपने काम से एक अस्थायी छुट्टी ही क्यों ना लेनी पड़े। अगर ज़रूरत लगे तो आप पार्ट-टाइम काम करे या फिर अगर कोई साथ देनेवाला ना हो तो कुछ समय के लिए वो काम छोड़ दे।

अगर आपमें कुछ करने की लगन हैं और जोश हैं तो आप अपने व्यवसाय को फिर से उसी ऊर्जा से करने लग जाएँगी। और उस वक़्त जब आप पीछे मुड़ कर देखेंगी तब आपको वो सुनहरे साल नज़र आएंगे जो आपने अपने बच्चों की बड्ती उम्र में उनके के साथ बिताए हैं। आपके मन मे किसी भी प्रकार का कोई भी खेद का बोझ नहीं होगा कि आपने अपने काम की वजह से अपने बच्चों को वक़्त नहीं दिया।

और आप खुशी और पूरे दिल से अपने कैरियर की ओर दुबारा रुख कर सकेंगी। आपके बच्चें, जो अब सायने वयस्क बन गायें हैं, आपके सबसे बढ़िया और आपको सहीसे समजनेवाले साथी होंगे जो आपके हर क़दम पर आपका साथ देंगे और ज़रूरत पड़ने पे सबसे अच्छी सलाह भी देंगें।

उनके इस नज़रिये ने मेरे जीवन को बहुत ही सकारात्मक रूप से परिवर्तित किया।

इसलिए खुश रहिये और अभिभावक होने का भरपूर आनंद लीजिये और याद रखिये हमेशा वर्तमान में रहे… ना तो बीते कल का गम करे ना आने वाले कल की चिंता… बस जो भी है वो आज हैं, अब हैं और इसी वर्तमान को बेहतर बनाए।

यह दृष्टिकोण आपको आगे के जीवन के लिए एक बहुत ही मजबूत नींव देगा। आपको इस बात की तसल्ली होगी और मन मे संतोष भी होगा कि आपने अपने बच्चों को एक बेहतरीन इंसान बनाने के लिए जितना कर सकते थे उतना किया हैं और हमेशा इस बात की खुशी होगी कि आपने उन्हें हमेशा जीवन के प्रति सकारात्मक नज़रिया रखने की सीख दी। एक इंसान को अपने जीवन मे इससे ज्यादा क्या चाहिए भला?

एक सफल माता होने की उपलब्धि की भावना आपको हमेशा हीन भावना से दूर रखेगी और खुश रखेगी। और जैसा कि मैं पहले बता चुकी हूँ कि जब आप मन से खुश होंगे तो आपके आस-पास का माहौल भी बेहदखुशहाल होगा और आपकी खुशियों की वाइब्स आपके बच्चों और सभी मिलने वालों तक पहुंचती रहेगी। आपकी रचनात्मक और व्यवसाहिक गतिविधियों की यात्रा में मन मे संतोष का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

और ये वो मजबूत नींव हैं जिसपे आप अपना व्यवसाहिक कॅरियर को बहुत सफल बना सकते हैं। ये आपकी अपनी बनाई छोटी सी खुशियों की दुनिया होगी जिसका आपने खुद निर्माण किया हैं और आप अपनी इस दुनिया के सच्चे हकदार हो और आपको इसके हर एक पल को खुल के जीने का पूरा हक बनता हैं।

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